Monday, September 14, 2009

शांति

जिसमें युद्ध का सामर्थ्य नहीं, वो शान्ति का अधिकारी नहीं | शान्ति कोई ब्रहामण को भिक्षा में मिलने वाला अन्न नहीं, क्षत्रिय को युद्घ में प्राप्त होने वाला पारितोषिक है | यही इतिहास है , यही नीति और यही धर्मं भी |